RBI's Inflation Plan: What's the Impact?
हाल ही में महंगाई को लेकर अक्टूबर के महीने में Inflation को लेकर एक डेटा जारी किया गया हैं। ओर कई experts का ये मानना है कि RBI के लिए ये डेटा बड़ा चिंता का विषय बन सकता हैं आज इस ब्लॉग में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि NSO National Statistical Office का डेटा किया बताता हैं ओर इस डेटा से किया निहितार्थ निकले जा सकते हैं ओर साथ ही RBI के सामने इस डेटा की वजह से किया चुनौतियां आ सकती हैं।- खबर
- किया बताते हैं आंकड़े?
- इन आंकड़ों के निहितार्थ!
- RBI का अनुमान और मौद्रिक नीति!
खबर
हाल ही में जारी डेटा के अनुसार, भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2% पर पहुंच गई – सितंबर महीने में यह 5.5% थीRBI मुद्रास्फीति स्तर निर्धारित सीमा 2% से 6% । अगर मुद्रास्फीति स्तर 2% से 6% के बीच रहती हैं तो ये RBI के लिए चिंताजनक नहीं होती और अगर मुद्रास्फीति 2% से नीच या फिर 6% से ऊपर जाती हैं तो ये RBI के लिए बहुत अच्छी परिस्थिति नहीं होती है ओर RBI को यहां MissionMod पर काम करना होता हैं।
मुद्रास्फीति स्तर बढ़ने के किया कारण हैं –
- कारण: खाद्य पदार्थों की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़त;
- सब्जियों और खाद्य तेलों की कीमतों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान;
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किया बताते हैं आंकड़े?
खुदरा मुद्रास्फीति – अक्टुबर में 6.2%1. यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में 10.9% की वृद्धि के कारण हुई, जिसमे सब्जी और खाद्य तेल की कीमतों में उछाल का महत्वपूर्ण योगदान था;
2. खाद्य पदार्थों की कीमतों में 10.9% की वृद्धि हुई; इस दौरान सब्जियों और खाद्य तेलों की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई;
3.ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति की दर 6.7% रही, जबकि शहरी उपभोक्ताओं के लिए यह दर 5.6% रही;
– ग्रामीण खाद्य मुद्रास्फीति: 10.7% अधिक;
– शहरी खाद्य मुद्रास्फीति: 11.1% अधिक;
सब्जियां: सितम्बर में 36% से बढ़कर अक्टूबर में 42.2% हो गई, जो 57 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई;
– शहरी खाद्य मुद्रास्फीति: 11.1% अधिक;
सब्जियां: सितम्बर में 36% से बढ़कर अक्टूबर में 42.2% हो गई, जो 57 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई;
खाद्य तेल: अक्टूबर में 9.5% बढ़ी, जो लगभग दो वर्षों में सबसे अधिक मासिक वृद्धि हैं;
फल: 8.4% बढ़ोतरी;
दाल: 17 महीनों तक लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि के बाद 7.4% पर आ गई।
मसाले: 7% की गिरावट;
इन आंकड़ों के निहितार्थ!
1. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं:
2. इन आंकड़ों से स्पष्ट की मुद्रास्फीति अब कई श्रेणियों ( तेल, अनाज, डालें, फल और सब्जियों ) में फैल गई हैं;
3. परिणाम: इन आंकड़ों की वजह से RBI द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना प्रभावित हो सकती है;
RBI का अनुमान और मौद्रिक नीति!
– RBI ने 2024–25 की तीसरी तिमाही ( अक्टूबर–दिसंबर ) के लिए 4.8% की औसत मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया था और उम्मीद है कि अंतिम तिमाही में यह 4.2% तक गिर जाएगी।– हालांकि अक्टूबर की मुद्रास्फीति में उछाल के साथ, इस लक्ष्य को बनाए रखने के लिए नवंबर और दिसंबर में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी करके इसे लगभग 4.1% पर लाना होगा;
– कोर मुद्रास्फीति ( खाद्य और ऊर्जा को छोड़कर ) लगातार 11 वें महीने 4% से कम रही; इसमें केवल मामूली वृद्धि देखी गई;